अंग्रेजी भाषा आज के जमाने की एक जरूरत बन गई है। एक ऐसी जरूरत जिसके बिना जीवन जीने की कल्पना करना थोड़ा मुश्किल है। रोजमर्रा की बातचीत हो या स्कूल के होमवर्क में बच्चे की मदद करना या फिर ऑफिस में काम करना, इसके बिना आज के समय में सब कुछ अधूरा सा प्रतीत होता है।
यूं तो आज के जमाने में अधिकतर लोगों को काम लायक अंग्रेजी आती ही है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें अंग्रेजी बोलने और लिखने में अभी भी मुश्किल होती है। यही वजह है कि ये लोग खुद को पिछड़ा समझने की गलती कर बैठते हैं। इनमें से कुछ लोग इंग्लिश स्पोकन क्लासेज ज्वाइन कर लेते हैं लेकिन क्या आपने कभी यह सोचने की कोशिश की है कि बिना किसी संस्थान में अंग्रेजी सीखने के आप स्वयं ही इसमें पारंगत हो सकते हैं।
ऐसे सीखें अंग्रेजी बोलना
क्या आपने कभी सोचा है कि आपने अपनी मातृ भाषा कैसे सीखी? क्या आपने उसे सीखने के लिए किसी तरह का कोर्स किया था?
नही ना, आपने इसे स्वयं ही सीख लिया था वो भी बिना किसी कोर्स के। इसकी वजह यह थी कि आपके चारों ओर लोग इसी भाषा में बात करते थे और उन्हें बोलते, सुनते आपने भी इसे बोलना सीख लिया। दरअसल किसी भी भाषा को सीखने की यही प्रक्रिया है। हम आवाज के सहारे सुनकर और बिना व्याकरण की चिंता किए बोलना सीख जाते हैं।
जब एक बच्चा बोलना सीखता है तो उसका मस्तिष्क भी पूरी तरह से विकसित नहीं होता है लेकिन वह बार-बार वही भाषा सुनकर उसे सीख जाता है। वह देखता है कि जो महिला उसकी सबसे ज्यादा देखभाल करती है, उसे रोने पर उसे चुप कराती है, उसका पेट भरती है, वह खुद को उसकी माँ बोलती है तो उसका मस्तिष्क उसे यह संकेत देता है और वह माँ शब्द सीख जाता है। चूंकि उस समय बच्चे का उच्चारण पूरी तरह से विकसित नहीं होता है तो वह मम्मी या मम्मा शब्द नहीं बोल पाता लेकिन म या मा जैसी बोली निकाल ही लेता है। इसी तरह विषय को देखकर कोई भी व्यक्ति नई भाषा सीख सकता है, उसी तरह से जिस तरह से उसने अपनी मातृ भाषा सीखी है।
छोटी बातें बनाएं अंग्रेजी को बेहतर
अंग्रेजी को बेहतर बनाना मुश्किल नहीं बल्कि आसान है। बस कुछ छोटी-छोटी बातों को अपने दिमाग में बिठाकर आप कोई कोर्स किए बिना घर पर ही अंग्रेजी बोलना सीख सकते हैं। आइये जानते हैं:
#1. सिर्फ सुनें
सिर्फ सुनना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप चारों ओर से हर तरीके से अंग्रेजी सुनते रहें। किसी भी भाषा को सीखने के लिए सुनने की प्रक्रिया बेहद जरूरी है लेकिन ध्यान रखें कि सुनते समय कोई और काम न करें। यदि खुद पढ़ रहे हैं तो अपने दोनों कान बंद उंगलियों से बंद कर लें और तेज आवाज में पढ़ें। ऐसा आप करके देखें, आपको समझ में आ जाएगा कि इससे किस तरह का जादू होता है। जब आप सुन रहे हैं, उस समय पूरे वाक्य को समझने या जो भी बोला जा रहा है सब कुछ याद करने की कोशिश तो कतई भी न करें। बस, अंग्रेजी को अपने कानों में आने दें। यही प्रक्रिया बिल्कुल उसी तरह से करनी चाहिए, जैसे एक नन्हा बच्चा सुनता है, वह कभी भी वाक्य विन्यास पर ध्यान नहीं देता है। बस भाषा के उच्चारण को सुनते रहें। इसके बाद का काम आपके मस्तिष्क का है।
#2. अनुवाद नहीं
अनुवाद करने का काम बिल्कुल न करें। अपने दिमाग को यह बेतुका काम करने से मना कर दें। आपको दूसरी भाषा सीखने के लिए किसी अन्य भाषा पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं है। इसलिये अंग्रेजी को अंग्रेजी में ही समझने का प्रयास करे।
#3. बोलें छोटे वाक्य
अब अगला चरण है बिना किसी तरह के संकोच के कम शब्दों और छोटे वाक्यों में बोलना या जवाब देना शुरू करना। याद रखें कि यह प्रक्रिया फिर उसी तरह से की जानी चाहिए, जिस तरह से एक बच्चा नई भाषा सीखते समय जवाब देता है। धीरे-धीरे आपके अंदर का आत्मविश्वास जाग जाएगा और आप अपनी ओर से वाक्य बनाना शुरू कर देंगे।
#4. घबराएं नहीं
इस चरण में आपको एक अन्य धारणा तोड़नी है। जिस तरह से विदेशी हिंदी बोलते समय व्याकरण पर ध्यान नहीं देते हैं, कुछ गलतियां करते हैं, उसी तरह से आपको भी कुछेक गलतियां करने का अधिकार है। अगर आप कुछ गलत बोल भी रहे हैं तो कोई आपको इसके लिए दंड नहीं देने वाला है। विदेशों में यदि आप उनकी भाषा गलत बोल रहे हैं तो इससे कोई भी खराब महसूस नहीं करता है।
अंग्रेजी में शुरू करें सोचना
अंग्रेजी सीखने और बोलने का एक महत्वपूर्ण कदम है अंग्रेजी में ही सोचना। हमारी मातृ भाषा हमारी रगों में इस कदर दौड़ती है कि हम पहले अपनी मातृ भाषा में सोचते हैं, उसके बाद उसका अंग्रेजी में अनुवाद करके बोलना चाहते हैं। अंग्रेजी बोलने की यह प्रक्रिया गलत है। अंग्रेजी बोलने को आसान बनाने के लिए हमें अपनी सोच में भी परिवर्तन लाना होगा। हमें अंग्रेजी को ही प्राथमिकता देकर उसी भाषा में स्वयं की सोचने की आदत को डालना होगा।
व्याकरण पर जोर न डालें
आपके लिए यह जानना जरूरी है कि जो लोग फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं, वे भी व्याकरण से जुड़ी अशुद्धियां करते हैं। लेकिन उनकी सबसे बड़ी विशेषता यही होती है कि वे बिना परेशान हुए या बिना रुके बोलते जाते हैं। इसलिए बिना व्याकरण पर जोर डाले आप भी निरंतर अंग्रेजी बोलने की आदत डाले। याद रखें कि गलतियों से ही व्यक्ति सीखता है और आगे बढ़ता है।
देखें सबटाइटिल वाली अंग्रेजी फिल्में और धारावाहिक
#1. टीवी शोज और फिल्में देखना आपको पसंद आता होगा। तो क्यों न इस पसंद में भी थोड़ा सा बदलाव लाया जाये और अपनी मातृ भाषा वाले टीवी शोज और फिल्में देखने के साथ ही अंग्रेजी वाली कुछ फिल्मे देखी जाये।
#2. यदि अंग्रेजी सबटाइटिल वाला कंटेंट आप देखेंगे तो निस्संदेह आपकी इंग्लिश बेहतर होगी। उनके हाव-भाव और उन्हें बोलते-बोलते देखकर आधी अंग्रेजी तो आप चुटकियों में सीख जाएंगे। बाकी जो समझ में न आए तो उसके लिए सबटाइटिल है ही।
अंग्रेजी खबरें
टीवी पर न्यूज तो आप हमेशा ही देखते हैं लेकिन अब से कुछ समय अंग्रेजी खबरें देखने की आदत भी डाल लीजिए। न्यूज एंकर जिस तरह से इंग्लिश बोलते हैं, वह सबसे आसान और बोलचाल की भाषा होती है। आपके अंग्रेजी बोलने में यह काफी लाभदायक है।
अंग्रेजी अखबार से सीखें अंग्रेजी पढ़ना
यदि आपने अभी तक अंग्रेजी अखबार पढ़ना शुरू नहीं किया है तो अभी से इसे शुरू कर दें। आज ही अपने पेपर वाले से कह कर अंग्रेजी का न्यूज पेपर लेना शुरू कर दे। भले ही आपको पढ़ने का ज्यादा शौक नहीं है लेकिन यह याद रखें कि अंग्रेजी पढ़ने और सीखने में, अंग्रेजी अखबार का बड़ा हाथ है।
राजनीतिक खबरें न पढ़ना हो तो न पढ़ें, अखबार के साथ जो सप्लीमेंट्स आते हैं, उन्हें पढ़ें। उनमें लाइफ स्टाइल और रुचिकर वाली कई खबरें होती हैं जिन्हें पढ़कर आपको अच्छा लगेगा और आप अंग्रेजी पढ़ना एवं वाक्य विन्यास भी सीख जाएंगे।
इंग्लिश गानों का जादू
गाने सुनना अधिकतर लोगों को पसंद है। खाली समय में जब कुछ समझ न आए तो इंग्लिश गानों से टाइम पास करें। कोई गाना समझ न आ रहा हो तो रेडियो लगा दें। रेडियो पर अंग्रेजी गाने आते रहते हैं।
टीवी पर कुछ चैनल्स ऐसे हैं, जिन पर इंग्लिश गाने आते रहते हैं। उनकी रिदम को पकड़ें और फिर बोल को। धीरे-धीरे उन्हें गुनगुनाएं। आप जल्दी ही गानों के बोल को पकड़ने लगेंगे और फिर वह दिन दूर नहीं जब आप अंग्रेजी गाने सबको सुनाने भी लगेंगे। इसके लिए आप गानों के लिरिक्स भी इन्टरनेट के माध्यम से निकाल सकते है।
अंग्रेजी कहानी
बचपन में आपने बहुत कहानियां सुनी होंगी। बड़े हो गए तो इसका यह बिल्कुल मतलब नहीं है कि आप अब कहानियां नहीं सुन सकते हैं। कहानियां सुनना या सुनाना मुश्किल नहीं है। कुछ समझ में न आए तो अंग्रेजी में कहानियों की किताब लेकर बैठ जाएं। कुछ बच्चों को जमा कर लें और उन्हें कहानियां सुना दें। यदि कोई बच्चा कहानी सुनाना चाहता है तो उससे सुन लें। कहने का तात्पर्य यह है कि अंग्रेजी में कहानियां सुनने से आपका वाक्य विन्यास बेहतर होगा और बोलने में भी मदद मिलेगी।
अंग्रेजी मुहावरे
मुहावरों से आपकी दोस्ती होती है लेकिन आपकी मातृ भाषा वालो से ही। क्यों न इस बार कुछ अंग्रेजी मुहावरे सीख लिये जाए। अंग्रेजी मुहावरे आपकी शब्दावली को पक्का करते हैं और आपके इंग्लिश बोलने में मददगार भी होते हैं।
जरूरी है आत्म विश्वास
#1. मुझे इंग्लिश बोलने में डर लगता है। मुझे लगता है कि यदि मैंने गलत बोला तो लोग मेरा मजाक उड़ाएंगे। मेरे गलत बोलने पर लोग मुझे जज भी करेंगे। यह सब सोच-सोच कर आप स्वयं को हीन भावना का शिकार बनाते हैं।
#2. यदि आपको जीवन में आगे बढ़ना है, अंग्रेजी सीखना है तो सबसे पहले अपने अंदर छिपे आत्म विश्वास को जागृत कीजिए। सोचिए कि जब बाकी लोग कर सकते हैं तो मैं क्यों नहीं? धीरे-धीरे बिना हिचकिचाए अंग्रेजी बोलते जाइए, आपके अंदर छिपा आत्म विश्वास स्वयं जागृत हो जाएगा।
आईने के सामने अभ्यास
आईने को अपना दोस्त बना लें। उससे अंग्रेजी में बातें करें। बात करने के लिए आईने से सवाल करें और फिर खुद ही उसका जवाब दें। देखा जाए तो सवाल भी आईने की तरह ही तो होते हैं। सवाल को घुमा दें और जवाब ढूंढ लें। डज ही…? यस ही डज। इज इट…. ? यस, इट इज। कैन यू? यस आई कैन। आईने के समक्ष इस तरह से सवाल और जवाब देने से आप इंग्लिश बोलने के अपने तरीके में निस्संदेह सुधार पाएंगे।
रोजाना करें अभ्यास
प्रैक्टिस मेक्स अ मैन परफेक्ट। अंग्रेजी की यह कहावत हर उस व्यक्ति पर फिट बैठती है जो किसी क्षेत्र में उत्कृष्टता को पाना चाहता है। अभ्यास ही सफलता की मंजिल को पाने की सीढ़ी है। जीवन में कभी भी किसी तरह का कोई शॉर्ट कट नहीं होता। इसी तरह इंग्लिश सीखने के लिए भी कोई शॉर्ट कट नहीं है। केवल रोजाना अभ्यास के जरिए ही आप अपनी अंग्रेजी को बेहतर बना सकते हैं।